गूगल के मज़ेदार फैक्ट्स जो आपको हैरान कर देंगे!

गूगल के रोचक तथ्य: जानिए दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन का अनसुना इतिहास

आज के डिजिटल युग में गूगल हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग बन चुका है। "गूगल कर लो" जैसा वाक्य अब एक क्रिया की तरह इस्तेमाल होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत एक गैराज से हुई थी? या यह कि जेनिफर लोपेज की एक ड्रेस ने गूगल इमेज सर्च को जन्म दिया? इस ब्लॉग में हम गूगल से जुड़े ऐसे ही 25+ रोचक तथ्यों को उजागर करेंगे जो न केवल आपको हैरान कर देंगे, बल्कि इस टेक दिग्गज के प्रति आपकी समझ को गहराई भी देंगे।

A person is using a laptop with the Google homepage displayed on the screen. The background shows a snowy landscape. Overlaid on the image is bold text that reads, "FACTS ABOUT GOOGLE" in white and red, with "GOOGLE" highlighted in a red box. Below that, smaller text says "In Hindi" in white on a red button.

गैराज से ग्लोबल एम्पायर तक: गूगल का उदय

1. "बैकरब" था गूगल का मूल नाम

1996 में लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक शोध प्रोजेक्ट के तौर पर "बैकरब" नामक सर्च एल्गोरिदम विकसित किया। यह नाम वेबसाइटों के बैकलिंक्स को ट्रैक करने की इसकी क्षमता से प्रेरित था[1][3]। लेकिन 1997 में "गूगल" नाम अपनाया गया, जो "गूगोल" (एक गणितीय संख्या, 1 के बाद 100 शून्य) से प्रेरित था। यह नाम दुनिया की अनंत जानकारी को व्यवस्थित करने के उनके लक्ष्य को दर्शाता है[3][4]।

2. सन माइक्रोसिस्टम्स के संस्थापक ने लिखा पहला चेक

1998 में सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक एंडी बेक्टोलशीम ने गूगल इंक. के नाम से $100,000 का चेक लिखा। यह चेक तब लिखा गया जब कंपनी का आधिकारिक तौर पर अस्तित्व भी नहीं था! इस फंडिंग ने कैलिफ़ोर्निया के एक गैराज में गूगल के पहले ऑफिस की नींव रखी[3][4]।

3. गूगल का पहला "डूडल": बर्निंग मैन फेस्टिवल

1998 में लैरी और सर्गेई ने नेवादा के "बर्निंग मैन" फेस्टिवल में भाग लेने के लिए ऑफिस से छुट्टी ली। उन्होंने होमपेज पर लोगो के पीछे एक स्टिक फिगर जोड़कर यूजर्स को सूचित किया—यह गूगल का पहला डूडल बना[1]। आज, डूडल टीम प्रतिदिन ऐतिहासिक घटनाओं और व्यक्तित्वों को समर्पित कलाकृति बनाती है।

गूगल से जुड़े हैरान कर देने वाले आँकड़े

4. प्रतिदिन 3.5 बिलियन सर्च!

गूगल पर हर सेकंड 40,000+ सर्च क्वेरीज़ की जाती हैं, जो प्रतिदिन 3.5 बिलियन तक पहुँचती हैं[2]। और हैरानी की बात यह कि इनमें से 7.2% सर्च केवल "गूगल" शब्द के लिए होते हैं—यानी लोग गूगल को गूगल करने में व्यस्त हैं[2]!

5. 5 मिनट का डाउनटाइम, 40% इंटरनेट ट्रैफ़िक गिरावट

16 अगस्त 2013 को गूगल का सर्वर मात्र 5 मिनट के लिए डाउन हुआ। इस अल्पकालिक व्यवधान ने वैश्विक इंटरनेट ट्रैफ़िक में 40% की गिरावट दर्ज की[1]। यह आँकड़ा गूगल पर हमारी निर्भरता को चित्रित करता है—जीमेल, मैप्स, यूट्यूब जैसी सेवाओं के बिना इंटरनेट अधूरा लगता है।

6. 200+ भाषाओं में उपलब्धता

गूगल की सेवाएँ 200 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिसमें संस्कृत और क्लिंगन (स्टार ट्रेक की काल्पनिक भाषा) जैसी भाषाएँ भी शामिल हैं। इसके अलावा, "हिंदी" और "भोजपुरी" जैसी भारतीय भाषाओं में सर्च रिजल्ट्स की सटीकता लगातार बढ़ रही है।

कैसे पॉप संस्कृति ने गूगल को प्रभावित किया?

7. जेनिफर लोपेज की ड्रेस और गूगल इमेज सर्च का जन्म

2000 के ग्रैमी अवार्ड्स में जेनिफर लोपेज ने एक हरे रंग की वर्साचे ड्रेस पहनी, जिसने इंटरनेट पर तूफान ला दिया। उस समय यूजर्स टेक्स्ट के बजाय इसकी तस्वीरें ढूंढ रहे थे। इस मांग को पूरा करने के लिए गूगल ने 2001 में इमेज सर्च लॉन्च किया, जिसके पहले दिन ही 250 मिलियन इमेज्स इंडेक्स की गईं[1][4]।

8. "गूगल" को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने क्रिया बनाया

2006 में ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने "गूगल" शब्द को एक क्रिया के रूप में शामिल किया, जिसका अर्थ है "इंटरनेट पर सूचना खोजना"। यह गूगल के सांस्कृतिक प्रभाव का प्रमाण है[1]।

गूगल के कम चर्चित पहलू

9. गूगलियन: कर्मचारियों की अनोखी पहचान

गूगल के कर्मचारी स्वयं को "गूगलियन" कहलवाना पसंद करते हैं। कंपनी की कल्चर में 20% समय नियम शामिल है, जहाँ कर्मचारी अपने प्रोजेक्ट्स के अलावा नई परियोजनाओं पर काम कर सकते हैं। इस नीति ने जीमेल और गूगल न्यूज़ जैसे प्रोडक्ट्स को जन्म दिया[4]।

10. बकरियों से लॉन की घास कटवाना!

2011 में गूगल ने अपने कैलिफ़ोर्निया ऑफिस के लॉन की घास काटने के लिए 200 बकरियों को नियुक्त किया। यह पर्यावरण-अनुकूल तरीका मशीनों की तुलना में सस्ता और कार्बन फुटप्रिंट कम करने वाला था[1]।

11. गूगल ने कभी नहीं बेचे एडवर्ड्स डोमेन

गूगल के एडवर्ड्स.कॉम डोमेन का मूल उद्देश्य विज्ञापन सेवाओं (एडवर्ड्स = विज्ञापन) के लिए था। लेकिन 2003 में इसे छोड़ दिया गया। हैरानी की बात यह है कि गूगल ने यह डोमेन कभी नहीं बेचा—शायद भविष्य के लिए सुरक्षित रखा है[4]।

गूगल का भविष्य: AI और क्वांटम कंप्यूटिंग

12. डीपमाइंड: AI में क्रांति

2014 में गूगल ने डीपमाइंड नामक AI कंपनी अधिग्रहित की, जिसने AlphaGo प्रोग्राम बनाया। यह प्रोग्राम विश्व चैंपियन ली सेडोल को "गो" गेम में हराने वाला पहला AI बना। आज, डीपमाइंड का शोध मेडिकल डायग्नोस्टिक्स और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में उपयोग हो रहा है[1]।

13. क्वांटम सुप्रीमेसी का दावा

2019 में गूगल ने दावा किया कि उसका साइकामोर क्वांटम कंप्यूटर एक गणना को 200 सेकंड में पूरा कर सकता है, जिसे पारंपरिक सुपरकंप्यूटर को 10,000 साल लगेंगे। हालाँकि यह दावा विवादास्पद रहा, लेकिन इसने क्वांटम कंप्यूटिंग की संभावनाओं को रेखांकित किया[4]।

निष्कर्ष: गूगल—एक सर्च इंजन से बढ़कर

गूगल की यात्रा एक साधारण सर्च इंजन से शुरू होकर AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, और स्वायत्त कारों तक पहुँच चुकी है। इसके प्रभाव ने न केवल टेक्नोलॉजी को बदला, बल्कि हमारी भाषा और संस्कृति को भी प्रभावित किया है। अगले 25 वर्षों में गूगल किन ऊँचाइयों को छुएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

आपके लिए सवाल: गूगल से जुड़े इन तथ्यों में से किसने आपको सबसे ज्यादा हैरान किया? कमेंट में बताएँ!

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